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नोचता खरोचता है उसे ; हैवानियत की पहचान वो, डरी-सह

नोचता खरोचता है उसे ; हैवानियत की पहचान वो,
डरी-सहमी सी ,चीखती -चिल्लाती , अबला सी जान वो,
एक बार उस हैवान ने लूटा अभी समाज का काम तो बाकी है,
अदालतों के,अस्पतालों के सवालों से उसको थोड़ा और मारना बाकी है,
कौन बताए कि ये बस जिस्मों का खेल ना है,
उस से पूछो जिसके शरीर का अब रूह से कोई मेल ना है ,
एक अग्निपरीक्षा और अभी उस नारी को देना है,
उस जालिम के कर्मों का सबूत जो सबको देना है,
तिल-तिल कर के मारो उसे और कहो हम तुम्हारे साथ है ,
अरे अब छोड़ो भी दिखावे का यहाँ क्या काम है ?
उस अबला के दर्द को समझना तुम्हारे बस की तो बात नहीं ,
बस थोड़ा सा उनको ही सुधार लो जिनके अंदर ज़रा-सी भी इंसानियत नहीं। 🙏
#yqbaba 
#yqpainfullthought 
#yqdidi 
#yqdiary 
#pain 
#rape 
#shameonsociety
नोचता खरोचता है उसे ; हैवानियत की पहचान वो,
डरी-सहमी सी ,चीखती -चिल्लाती , अबला सी जान वो,
एक बार उस हैवान ने लूटा अभी समाज का काम तो बाकी है,
अदालतों के,अस्पतालों के सवालों से उसको थोड़ा और मारना बाकी है,
कौन बताए कि ये बस जिस्मों का खेल ना है,
उस से पूछो जिसके शरीर का अब रूह से कोई मेल ना है ,
एक अग्निपरीक्षा और अभी उस नारी को देना है,
उस जालिम के कर्मों का सबूत जो सबको देना है,
तिल-तिल कर के मारो उसे और कहो हम तुम्हारे साथ है ,
अरे अब छोड़ो भी दिखावे का यहाँ क्या काम है ?
उस अबला के दर्द को समझना तुम्हारे बस की तो बात नहीं ,
बस थोड़ा सा उनको ही सुधार लो जिनके अंदर ज़रा-सी भी इंसानियत नहीं। 🙏
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