#OpenPoetry जान हो मेरी ये जान लो तुम, पहचान मेरी हो ये जान लो तुम। तूम आशिक़ी , अंजाम हो तुम, इस दीवाने की अल्फ़ाज़ हो तुम। मेरी हर लफ्ज़ मेरी हर कसम में हो तुम, मेरी हमदम मेरी सनम हो तुम। माना हमारी अधूरी है कहानी, पर इस कहानी की अहम किरदार हो तुम । खुशियों के रंग भरने वाली, स्वर्ग की हंसी कलाकार हो तुम। जान हो मेरी ये जान लो तुम, पहचान मेरी हो ये जान लो तुम। -रुपेश शर्मा जान हो मेरी......