मोहब्बत एक कर्ज है उतारु इसे मैं कैसे वो है घर के मेरे सामने पुकारु मैं उसे कैसे वो बिगड़ा और बिगड़ गयी हालत मेरे घर की तन्हा हूँ तनहाइयों में समारु मैं इसे कैसे वो साथ अपने ले गए सब हिम्मतें सब होसले सामने खड़ा है राकिब पुकारू मैं उसे कैसे ।। ©Surbhi Awasthi #febkissday ᴍʀ.x