कितने ख्वाब सजाए थे तेरी मोहोब्बत में हमनें असमान बिखरे उन सितारों की तरह लेकिन जब नींद से आँखे खुली तो याद आया वो सब झुटे थे तेरी यादें और तेरे साथ की तरह एक बार फिर से टुट के बिखर गए असमान के टुट के गिरते उस एक तारें की तरह #FALSEPROMISES