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मैंने उड़ती चिड़िया से पूछा :- रोज शाम को निकलती

मैंने उड़ती चिड़िया से पूछा :-

रोज शाम को निकलती हो तुम।
घर से आती हो या घर को जाती हो?

चिड़िया बोली कविराज:-

हर दिन घर बनाती हूं और हर दिन कोई न कोई घर ढहा देता है। हर दिन पेड़ काट लिए जाते हैं। ये पेड़ ही तो हमारा संसार हैं। और मानव अपना स्वार्थ पूर्ण करने के लिए हमारे संसार को मिटाता जा रहा है। 

ठीक है कविराज अब में जाती हूं शाम ढलने से पहले मुझे अपना आशियाना फिर बनाना है। और इतना कहकर उदासी का भाव लिए हुए चिड़िया आकाश में उड़ गई।😢🕊️

©Shiv Shilpi #smog #savetrees #savebirds #Nojoto #environment #SaveSoil  Anshu writer  pramodini mohapatra Arfa Dr. Asha Yashshree पूजा उदेशी
मैंने उड़ती चिड़िया से पूछा :-

रोज शाम को निकलती हो तुम।
घर से आती हो या घर को जाती हो?

चिड़िया बोली कविराज:-

हर दिन घर बनाती हूं और हर दिन कोई न कोई घर ढहा देता है। हर दिन पेड़ काट लिए जाते हैं। ये पेड़ ही तो हमारा संसार हैं। और मानव अपना स्वार्थ पूर्ण करने के लिए हमारे संसार को मिटाता जा रहा है। 

ठीक है कविराज अब में जाती हूं शाम ढलने से पहले मुझे अपना आशियाना फिर बनाना है। और इतना कहकर उदासी का भाव लिए हुए चिड़िया आकाश में उड़ गई।😢🕊️

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Shiv Shilpi

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