बहुत हुआ इक नन्ही सी कली अब खिलने दो एक माँ को अपनी बेटी से तुम मिलने दो मानवता का खून कोख में जो यूँ बहाओगे बेटियां नहीं होगी तो बहू कँहा से लाओगे अपनी मुस्कान से वो घर में उजाला कर देगी खुशियों से वो आँगन तुम्हारा भर देगी (Read full in caption) Challenge initiated by Neeraj Krishna Tripathi and Sarthak Jain Nominated by Ankita Tripathi Thankew so much dear for this beautiful topic m grateful💐 बहुत हुआ इक नन्ही सी कली अब खिलने दो एक माँ को अपनी बेटी से तुम मिलने दो मानवता का खून कोख में जो यूँ बहाओगे बेटियां नहीं होगी तो बहू कँहा से लाओगे अपनी मुस्कान से वो घर में उजाला कर देगी खुशियों से वो आँगन तुम्हारा भर देगी