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सैनिक के शब्द घुसपैठियों के मंसूबों को कामयाब कैसे

सैनिक के शब्द
घुसपैठियों के मंसूबों को कामयाब कैसे होने देता
मां में  कदमों को रुकने कैसे देता

बरूदो से धूमिल नज़ारे होने कैसे देता
मैं भारत को अंधकारमय होने कैसे देता
मां में कदमों को रुकने कैसे देता

संपूर्ण देशवासियों का भरोसा में टूटने कैसे देता
मैं जीते - जी तिरंगा कैसे गिरने देता
मां तू ही बता में कदमों को रुकने कैसे देता।

मां के शब्द
तेरी घटती सांसों से मन उसका भी पसीचा होगा
अपनी बनाई नियति को उसने भी कोसा होगा
छलकते आंसुओ से उसने द्वार जन्नत का खोला होगा
निशब्द इश्वर ने भी तुझको सैल्यूट मारा होगा।

©Gulshan_Dwivedi #India #PatrioticPoem #nojotohindi #nojoto

#IndianArmy
सैनिक के शब्द
घुसपैठियों के मंसूबों को कामयाब कैसे होने देता
मां में  कदमों को रुकने कैसे देता

बरूदो से धूमिल नज़ारे होने कैसे देता
मैं भारत को अंधकारमय होने कैसे देता
मां में कदमों को रुकने कैसे देता

संपूर्ण देशवासियों का भरोसा में टूटने कैसे देता
मैं जीते - जी तिरंगा कैसे गिरने देता
मां तू ही बता में कदमों को रुकने कैसे देता।

मां के शब्द
तेरी घटती सांसों से मन उसका भी पसीचा होगा
अपनी बनाई नियति को उसने भी कोसा होगा
छलकते आंसुओ से उसने द्वार जन्नत का खोला होगा
निशब्द इश्वर ने भी तुझको सैल्यूट मारा होगा।

©Gulshan_Dwivedi #India #PatrioticPoem #nojotohindi #nojoto

#IndianArmy