आखिर क्यों आज भी लालू गरीबों के मसीहा है? शेरो का विध्वंस हो रहा मांद था सर्वश्रेष्ठ शब्द हो रहा बर्बाद था स्वतंत्र भारत में हो रहा दलित आजाद था ये लालू का जातिवाद था । भुखे पेट को दाल भात चोखा का स्वाद था