करके तमाम बुलंदियो को हाँसिल,मैं आज भी कच्चे मकां में रहना चाहता हूँ.. ताउम्र गम दिये जिस शख्स ने ,भूलाकर उन्हें मैं आज भी उसी का होना चाहता हूँ... ओमकार राणा मन्नु आर्या