एक ख्वाईश अभी भी अधूरी है तेरे दिल से मेरे दिल की दूरी है इन दूरियों को मधु-लय में भरकर धीरे से झलक जो तेरा पा जाते फिर कजरारे बादल में चुपके से छा जाते ...✍भारती कुमारी भारती कुमारी