मां तेरे आंचल से परे क्या ख्वाइश करूं तेरी दुआओं से परे क्या गुजारिश करूं अरे तेरी इबादत के आगे तो ख़ुदा भी फ़कीर है अब तेरी इनायत में और क्या बयां करूं बंदा हूं मै अपनी धुन का