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आप सभी प्रियजनों को, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की अनंत

आप सभी प्रियजनों को, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की अनंत बधाइयाँ...!!
प्रभु श्रीकृष्ण आप सभी के जीवन को असीम खुशियों से परिपूर्ण करें। जन्माष्टमी के पावन-पुनीत पर्व पर भक्तवत्सल भगवान श्रीकृष्ण जी के चरण-कमलों में सादर समर्पित मेरी हृदयतल स्पर्शी पुष्पांजलि भावनाएँ आप सबके समक्ष प्रस्तुत हैं।भगवान श्रीकृष्ण सबका कल्याण करें!! राधे! राधे!

"हे! नंदलाला"

शोभित सुंदर नयन विशाला, 
हे! नंदलाला हे! नंदलाला।
मुरली राजत अधर रसाला,
ये बंसीवाला, ये मुरली वाला,
हे! नंदलाला हे! नंदलाला।

मुरली मधुर बजावत है,
सबके मन हर्षावत है,
पशु-पक्षी हो, या बृजबाला,
ये बंसीवाला, ये मुरली वाला,
हे! नंदलाला हे! नंदलाला।

सिर पर मुकुट विराजत है,
पंख मयूर का राजत है,
लगे बड़ा प्यारा, वृज गोपाला,
ये बंसीवाला, ये मुरली वाला,
हे! नंदलाला हे! नंदलाला।

माखन चुरावत है, 
सबको सतावत है,
करती शिकायत इसकी,
बृज की हर बाला,
ये बंसीवाला, ये मुरली वाला,
हे! नंदलाला हे! नंदलाला।

हे! भक्तवत्सल, जन्मदिवस पर, 
शीश नवाता मैं,  मेरे प्रभुवर,
दर्शन पाकर, अति भाव-विह्वल,
बछिया-बछड़ा, गाय और ग्वाला,
ये बंसीवाला, ये मुरली वाला,
हे! नंदलाला हे! नंदलाला।
            ©शैलेन्द्र राजपूत
               11.08.200 आप सभी प्रियजनों को, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की अनंत बधाइयाँ...!!
प्रभु श्रीकृष्ण आप सभी के जीवन को असीम खुशियों से परिपूर्ण करें। जन्माष्टमी के पावन-पुनीत पर्व पर भक्तवत्सल भगवान श्रीकृष्ण जी के चरण-कमलों में सादर समर्पित मेरी हृदयतल स्पर्शी पुष्पांजलि भावनाएँ आप सबके समक्ष प्रस्तुत हैं।भगवान श्रीकृष्ण सबका कल्याण करें!! राधे! राधे!

"हे! नंदलाला"

शोभित सुंदर नयन विशाला, 
हे! नंदलाला हे! नंदलाला।
मुरली राजत अधर रसाला,
आप सभी प्रियजनों को, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की अनंत बधाइयाँ...!!
प्रभु श्रीकृष्ण आप सभी के जीवन को असीम खुशियों से परिपूर्ण करें। जन्माष्टमी के पावन-पुनीत पर्व पर भक्तवत्सल भगवान श्रीकृष्ण जी के चरण-कमलों में सादर समर्पित मेरी हृदयतल स्पर्शी पुष्पांजलि भावनाएँ आप सबके समक्ष प्रस्तुत हैं।भगवान श्रीकृष्ण सबका कल्याण करें!! राधे! राधे!

"हे! नंदलाला"

शोभित सुंदर नयन विशाला, 
हे! नंदलाला हे! नंदलाला।
मुरली राजत अधर रसाला,
ये बंसीवाला, ये मुरली वाला,
हे! नंदलाला हे! नंदलाला।

मुरली मधुर बजावत है,
सबके मन हर्षावत है,
पशु-पक्षी हो, या बृजबाला,
ये बंसीवाला, ये मुरली वाला,
हे! नंदलाला हे! नंदलाला।

सिर पर मुकुट विराजत है,
पंख मयूर का राजत है,
लगे बड़ा प्यारा, वृज गोपाला,
ये बंसीवाला, ये मुरली वाला,
हे! नंदलाला हे! नंदलाला।

माखन चुरावत है, 
सबको सतावत है,
करती शिकायत इसकी,
बृज की हर बाला,
ये बंसीवाला, ये मुरली वाला,
हे! नंदलाला हे! नंदलाला।

हे! भक्तवत्सल, जन्मदिवस पर, 
शीश नवाता मैं,  मेरे प्रभुवर,
दर्शन पाकर, अति भाव-विह्वल,
बछिया-बछड़ा, गाय और ग्वाला,
ये बंसीवाला, ये मुरली वाला,
हे! नंदलाला हे! नंदलाला।
            ©शैलेन्द्र राजपूत
               11.08.200 आप सभी प्रियजनों को, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की अनंत बधाइयाँ...!!
प्रभु श्रीकृष्ण आप सभी के जीवन को असीम खुशियों से परिपूर्ण करें। जन्माष्टमी के पावन-पुनीत पर्व पर भक्तवत्सल भगवान श्रीकृष्ण जी के चरण-कमलों में सादर समर्पित मेरी हृदयतल स्पर्शी पुष्पांजलि भावनाएँ आप सबके समक्ष प्रस्तुत हैं।भगवान श्रीकृष्ण सबका कल्याण करें!! राधे! राधे!

"हे! नंदलाला"

शोभित सुंदर नयन विशाला, 
हे! नंदलाला हे! नंदलाला।
मुरली राजत अधर रसाला,