आज फिर, आज फिर जीने की चाह जगी है दिल में एैसी आग लगी है सीने में इक लौ सी जली है आज फिर जीने की चाह जगी है सन्नाटे में मौन खड़ा है जमाने से नहीं वो खुद से लड़ा है शब्दों से अब खेल रहा है शायर बनके अब वो उभरा है आज फिर जीने की चाह जगी है दिल ने उसके अब मानी है कुछ बनने की अब ठानी है रस्ते में अब जो हालातें है मंजिल से मुलाकातें हैं आज फिर जीने की चाह जगी है..… #क्रियेटिविटी #जिन्दगी #नोजोतो😍👏