मुश्किलों भरा पड़ाव वो अब समझ आ रहा था, रुक गया था मन वहां स्वाभिमान नज़र आ रहा था.. ना काबू में थी वो भावनायें बावरी सी मेरी, आँखों में मगर मन का संसार नज़र आ रहा था.. हो चुकी थी पार हर वो सीमा असमंजस भरी, रुका मैं वहां जहाँ अंत का आग़ाज़ नज़र आ रहा था.. के रुक्सद हो चुका था फिर ख़ुद से ख़ुद का प्रेम, फिर खुला सपना तो मैं ख़ुद का कर्ज़दार नज़र आ रहा था.. फिर युं आयी देने साथ पूरी दुनिया मुझे, देख अकेला ख़ुश मुझे नया अदाकार नज़र आ रहा था.. समझ आ रहा था.. #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqtales #yqaestheticthoughts #yqhindi