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जाओ तुम ही गले लग जाओ मेरे चाहने वालों अज़ीज़ों से त

जाओ तुम ही गले लग जाओ मेरे चाहने वालों अज़ीज़ों से
तुम और मैं इक़ जान ठहरे के दावे पुख़्ता भी दोहरा देना
मौके कुछ खास गुज़ारिश में रहते हैं सिर्फ़ हम शरीफों  के
ये ठीक नही है कि ख़ुद को हर जगह नुमाइंदा ठहरा देना
.
 नुमाइंदा
जाओ तुम ही गले लग जाओ मेरे चाहने वालों अज़ीज़ों से
तुम और मैं इक़ जान ठहरे के दावे पुख़्ता भी दोहरा देना
मौके कुछ खास गुज़ारिश में रहते हैं सिर्फ़ हम शरीफों  के
ये ठीक नही है कि ख़ुद को हर जगह नुमाइंदा ठहरा देना
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 नुमाइंदा

नुमाइंदा