किसी ने गुलाल लगाया तो किसी ने अबीर उडाई चोरी और खुशिया बिखरी परी थी आज महज हम ही थे जो सबके साथ होते हुए भी खामोशी भरे लहजे मे अपनी तनहाईयो का आलम ढूढ रहे थे कही जजबात बचा रहे थे कही अपने आशख छिपा रहे थे..... #NojotoQuote #writingispassion