रौशनी की कीमत दर्द मुसाफ़िर का, रस्ते का हाहाकार, एक सहारा सुराही का, एक सहारा प्यार l माया मंज़िल कर रही, अदृष्य चीख हज़ार बेचने हैं खिलौने, खेल खिलाये संसार l पोंछ पसीना बढ़ा कहीं जो, लगे पैर अंगार, रुतबे से छाया मिली, न्याय से प्रहार l रौशनी की कीमत , बिजली के नंगे तार l कोमलता मन की वस्तु, सपने पहाड़ प्रकार l ©Hemant Soni(Musafir) # रौशनी की कीमत