Nojoto: Largest Storytelling Platform

गालियां आती नहीं मुझे मगर जब भी किसी को कुछ बोलना

गालियां 
आती नहीं मुझे
मगर जब भी किसी को कुछ बोलना होता है तो चंद शदीद गहरे 
लफ़्ज़ अल्फाज़ों के तागे में पिरों कर उनको पहना देता हूं.....

ARZ-ए-SAYED गालियां 
आती नहीं मुझे
मगर जब भी किसी को कुछ बोलना होता है तो चंद शदीद गहरे 
लफ़्ज़ अल्फाज़ों के तागे में पिरों कर उनको पहना देता हूं.....

ARZ-ए-SAYED @j_$tyle Mukesh Poonia Deepika Dubey Nidhi Dehru Sahiba Sridhar
गालियां 
आती नहीं मुझे
मगर जब भी किसी को कुछ बोलना होता है तो चंद शदीद गहरे 
लफ़्ज़ अल्फाज़ों के तागे में पिरों कर उनको पहना देता हूं.....

ARZ-ए-SAYED गालियां 
आती नहीं मुझे
मगर जब भी किसी को कुछ बोलना होता है तो चंद शदीद गहरे 
लफ़्ज़ अल्फाज़ों के तागे में पिरों कर उनको पहना देता हूं.....

ARZ-ए-SAYED @j_$tyle Mukesh Poonia Deepika Dubey Nidhi Dehru Sahiba Sridhar