कामयाबी यूं ही नहीं मिलती खुद को लगाना पड़ता है। नाकामयाबी की आग में भी खुद को जलाना पड़ता है। सारे रिश्ते- नातों को अपने जीवन से भुलाना पड़ता है। जीवन के कठिन रास्तों पर खुद को ही चलाना पड़ता है। हर मुश्किल का डट कर सामना खुद से करना पड़ता है। गर आएं गमों के तूफान भी तो खुद निकलना पड़ता है। आज शाम 6 बजे तक भेजी हुई ही सभी रचनाएँ मान्य होंगी। फॉन्ट छोटा और बॉक्स के अंदर लिखें। लिखने के बाद पोस्ट पर आकर कमेंट में "DONE" लिखना न भूलें सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 साहित्यिक सहायक शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखे ✍🏻