याद है मुझे तेरा लेट से क्लास को आना, जब ना अाओ तो मुरझाए से मेरा चेहरा हो जाना, कोई और तुमसे बाते करे तो मेरा यू गुस्सा हो जाना, फिर खुद को तस्ली देके तुमको ही मनाना, वक़्त वक़्त पे तुमसे नज़रे मिलने की कोशिश करना, कभी तुम्हे देख कर तुमपे ही खो जाना, जज्बातों का गुम हो जाना ही अच्छा होता, अगर हमें अब तक वो बाते याद ना होती, अधूरी हैं ये कविता क्युकी मुझे अब भी सब याद है मगर तुम्हे शायद नहीं या फिर कभी नहीं ....!!! हर हर महादेव 🙏🙏🙏 बीते दिन बीती बाते