भर सकूं पेट दूसरों का मुझे ऐसा निवाला दे। प्यासे को पिला सकूं मुझे ऐसा प्याला दे।। लोगों के दर्द समझ सकूं, ऐसा जिगर दे। दुश्मन को भाप सकूं मुझे ऐसी नज़र दे।। सब तेरी रहमतों से पलते, पर मुझे अपना फ़रिश्ता मान। ये मेरा ग़ुरूर नहीं, मुझे तू शाइस्ता जान।। निकल पड़े ये लफ़्ज़ मेरे, देखकर तेरे बनाए जहान को। रूह कैसे नहीं चीखती, जब दर्द हो इंसान को।। ©Khushi Kandu #hungry #STOMACH #khushithought #khushikandu #Nojoto #Hindi #Feeling