तेरी मोहब्बत में मै नमाज़ी हुई इश्क़े इबादत में सज़दे मुसलसल किये ना गयी तेरे दर से कभी ना नमाज़े-इश्क़ क़ज़ाऐ हुई मेरी दुवाओं में तेरे अश्कों की ही बारिश हुई ना कोई खोट निय़त ए-मोहब्बत में मैंने कि मेरी इल्तिज़ा है तेरे नाम कि उस- रब-ए-इलाही के दर की मै भिख़ारी हुई..!! ✍️ الفاظ ے جمشید ✍️( akku) #मेरीडायरीकेकुछपन्ने #राधाकृष्णप्रेम #जमशीदडायरी #नोजोतो