बड़ी जदोजहद के बाद आज मुलाकात हो गयी 'कविता' से व्याकुलता भरी तन्हाई के आलम में आखिरकार एक बड़ी हसीन रात हो गयी सहमा सा बैठा था ये सोचकर कि किसी न किसी दिन लौटकर आयेगी मेरी पहचान जो कभी मेरी थी ही नही , आज खुद को में समझ पाया एक नई पहचान के तोर पर जो मेरी खुद की है पहली मुलाकात में ही वो पूरी तरह बदल कर रख दी मेरी काया आज खुद की भावनाओं से मुलाकात हो गयी कुछ वो मुझसे कहने लगी ,कुछ मैं उससे कहने लगा , एक अनजाने अपने पहलू से मीठी कुछ बात हो गयी , तन्हा मेरी जिंदगी में ख्वाबों की बरसात हो गयी । तन्हाई के आलम से बाहर आने लगा अकेलापन अब तो वो मेरी हमसफर सी बन गयी शब्दों का ना वो जाल है ना कोई मायाजाल वो तो बस मेरे दिल का हाल है । रूप अनेक बनाती वो कभी गजल ,क़भी कविता तो कभी शायरी कहलाती बस ओढ़ चुनरियां खुशियों के वो मेरे दिल को छू कर जाती रात की गहराई हो या दिन का पहर साथ मेरे वो रहती ,जैसे वो मेरी रूह हो तन्हा मेरी जिंदगी में ख्वाबों रात हो गयी बड़ी जदोजहद के बाद आज मुलाकात हो गयी 'कविता' से तन्हा जिंदगी में हसीन रात हो गई । #बड़ी जदोजहद के बाद आज मुलाकात हो गयी #मेरेएहसास #मेरे_जज्बात008 #मेरीक़लमसे #एक रिश्ता कविता का मेरी रूह से #kunu