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बैठी थी कमरे में थोड़ा सा उदास मैं,, अचानक मेरी कित

बैठी थी कमरे में थोड़ा सा उदास मैं,,
अचानक मेरी किताबों ने आज कुछ पूछ लिया,
बोली,, कितने दिन हुए तेरी मेरी मुलाकात नही होती,
उठालो हमकों भी हाथों में,
अब वो बात नही होती,
मैं किताब तो अब भी वही शब्द लिए हूँ,
क़िताब हूँ मैं कभी बदलती नही
बदलना काम है इंसानों का मैं अनुभव हूँ, मैं शब्द हूँ न कल बदली न आज बदलूंगी📝क्योंकि मैं तेरे हर सवाल का जवाब हूँ आकर उठा तो मुझे,
तुझे फिर से ज्ञान से भरने को मैं तैयार हूँ©अरुणाkp® #क़िताब #हिंदीNojoto
बैठी थी कमरे में थोड़ा सा उदास मैं,,
अचानक मेरी किताबों ने आज कुछ पूछ लिया,
बोली,, कितने दिन हुए तेरी मेरी मुलाकात नही होती,
उठालो हमकों भी हाथों में,
अब वो बात नही होती,
मैं किताब तो अब भी वही शब्द लिए हूँ,
क़िताब हूँ मैं कभी बदलती नही
बदलना काम है इंसानों का मैं अनुभव हूँ, मैं शब्द हूँ न कल बदली न आज बदलूंगी📝क्योंकि मैं तेरे हर सवाल का जवाब हूँ आकर उठा तो मुझे,
तुझे फिर से ज्ञान से भरने को मैं तैयार हूँ©अरुणाkp® #क़िताब #हिंदीNojoto