इस तस्वीर को देख दया और दुख का भाव मत पालिए बल्कि इसका हल निकाले। दूसरी तस्वीर पहली तस्वीर का दूषित परिणाम है। शिक्षा जरुरी है इसके साथ हूनर जरुरी और दोनो के साथ संस्कार जरुरी है। और दुनिया मे संस्कार कि कोई क़िताब नही है अंततः जब तक जीवन मे धन ही प्रथम स्थान रखेगा तब तक मानविय मूल्यों को कुचलती तस्वीरें आपसे हर युग मे सवाल करती रहेगी। नैतिकता कि सिर्फ बातें ही नही कि जाए बल्कि नैतिकता को जीए ! तभी ये वृद्धाश्रम के ढांचे विद्यालयों और चिकित्सालयों में परिवर्तित हो सकेंगे। बस दया और दुखी होकर इति श्री न करें। ©Vishal kumar "Vishal" हल निकाले #ImageStories सत्य