पूरी ग़ज़ल कैप्शन में पढ़ें 👇👇 है दिल मेरा कल से सिर्फ यही हैरानी में, मुक़म्मल हुआ न इश्क़ फिर से एक कहानी में! इंतहां तब हुई जब इंकार कर दिया उसने, जो कहते देंगे साथ तुम्हारा हर बानी¹ में! वैसे तो कुछ खाश नहीं कट रही ये ज़िन्दगी, शायरी कर रहे कुछ गमों की मेहरबानी में! मैं ने उसके लिए ख़ुद को सिसकते देखा था, शायद यही देखना बाकी था जिंदगानी में! पहली मुहब्बत में कुछ ख़ास हासिल हुआ नहीं, लेकिन तजुर्बा मिला मुझको भरी-जवानी में! तिरे तोहफ़े आज भी संभाल कर रक्खे हैं, एक तश्वीर है तिरी मिरी पर्स पुरानी में! मिट गई सच्ची मोहब्बत कबकी ज़माने से, 'कविराज' आज भी है बस इसी परेशानी में! कविराज अनुराग #Gazal #hindipoetry #urdupoetry. #kaviraj #HeartBreak