ये सर्द सुनहरी सुबह है, और प्रकृति तेरा होना बताता कि हूं मैं कहीं, तेरा ना होना कहता- जैसे सब कुछ सुना हो गया, स्पर्श मेरा इतना कोमल की जो मन की वेदना दूर करता, अस्मिता तेरी इतनी निर्मल कि सत्त की गहराई को छूती, ख्वाब तेरा इतना स्वच्छ की , बुद्धि को चेतन्य करता और स्वच्छंद करता... ©Deepika Gahtori #Sunhari_Subh VINAY PANWAR 🇮🇳INDIAN ARMY💕💕