मुरली–मनोहर मोहन प्यारे हम सबके हैं पालनहारे रूप बहुत प्यारा चेहरा है निराला संसार पुकारे इनको बांसुरीवाला मोर मुकुट जिनके माथे सोहे सबका हृदय लेते मोहे नटखट कन्हैया बंसी बजईया जमुना किनारे चरावें गईया जग के तारणहार करते लीला मदन गोपाला नंद के लाला देवकी यशोदा जिनकी मईया वो हमारे कृष्ण कन्हैया