भूख समेटते-समेटते रूह बिखरी है मेरी अब व्यर्थ है, मुझे हाड़-मांस के पुतले में टटोलना। जख़्म,घाव,खरोंच कहना कम है, रूह जलाई है उसने,अपना घर चलाने के लिए। #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqdiary #prostitute #katiequotes #thepowerofwords #boostthyself