खामोश चेहरा और कंधे पे जिम्मेदारीयां ठीक है, पर मुजे खुद की ये हालात सुकून देती है ।। पुरानी सुबह एलार्म से जागना ठीक है, पर मुजे मांँ के तानों की बरसात सुकुन देती है।। काम-काज , दीन दोपहर ठीक है, पर घर पे मुजे रात सुकुन देती है ।। हर वक़्त की उलजनें तो ठीक है, पर रातों में दोस्तों से मुलाकात सुकुन देती है ।। जुठी तारीफों से परे कडवा सच ठीक है, पर जैसी भी हो मुजे उन कम्बख्तों की बात सुकुन देती है ।। सच को छुपाना और झुठ को अपनाना ठीक है, पर युं बीना वजह की गई उनसे वकालात सुकुन देती है।। दोस्ती के वास्ते दे कर काम निकलवाते है ठीक है, पर मुजे ये प्यार भरी हवालात सुकुन देती है ।। हींदु , मुस्लिम, शीख, ईसाई सब कुछ ठीक है, पर ईन सबसे परे मुजे ये दोस्ती जात सुकुन देती है ।। By :- rangilo_gujju_26 insta I'd @ rangilo_gujju_26