अनजान से सफर में एक दोस्त सोच को अपनी ले जाओ उस शिखर पर ताकी आगे सितारे भी झुक जाये ना बनाओ अपने सफर को कीसी का मोहताज चलो इस शान से की तुफान भी रुक जाय सदा चले रुके ना तु थके ना तु