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बचपन में सुनी परियों की कहानियाँ बड़े होते ही समझ

बचपन में सुनी परियों की कहानियाँ 
बड़े होते ही समझ आई ये पहेलियाँ

ये सब थी बचपन की अटखेलियाँ
गुड्डे और गुड़िया बचपन की सहेलियाँ

भर देती थी मैं भी खुशियों से अपना 
घर आँगन जब लेती थीं किलकारियाँ

कभी बेटी कभी बहन और कभी पत्नी 
न जाने कितने रूप में की साझेदारियाँ

नींद खफ़ा हुई जब आखों से,,तब 
आती गई हमारी जिन्दगी में जिम्मेदारियाँ

फिर भी बद-किस्मत दिल रहा जब कोई 
नहीं समझ पाया मैंने कितनी दी कुर्बानियाँ ।।।

©Sweta #writebyme❤❤❤ #Love #Pain #Dard  #Family #Poet #shayri #gazal #squeen 

#BookLife
बचपन में सुनी परियों की कहानियाँ 
बड़े होते ही समझ आई ये पहेलियाँ

ये सब थी बचपन की अटखेलियाँ
गुड्डे और गुड़िया बचपन की सहेलियाँ

भर देती थी मैं भी खुशियों से अपना 
घर आँगन जब लेती थीं किलकारियाँ

कभी बेटी कभी बहन और कभी पत्नी 
न जाने कितने रूप में की साझेदारियाँ

नींद खफ़ा हुई जब आखों से,,तब 
आती गई हमारी जिन्दगी में जिम्मेदारियाँ

फिर भी बद-किस्मत दिल रहा जब कोई 
नहीं समझ पाया मैंने कितनी दी कुर्बानियाँ ।।।

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swetakumari9595

Sweta

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