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हम और तुम जैसे नदिया और सागर तुझ में खोया हुआ सा म

हम और तुम जैसे नदिया और सागर
तुझ में खोया हुआ सा मैं, मुझ मैं खोई हुई सी तुम

मिलकर भी ना मिल पाए हम एक दूजे से 
यादों में मुलाकात होती अब एक दूजे से

तुम गए तो जीवन वीरान सा हुआ है
बसंत की बहारे पतझड़ में बदल गई जैसे 🎀 Challenge-233 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए।
हम और तुम जैसे नदिया और सागर
तुझ में खोया हुआ सा मैं, मुझ मैं खोई हुई सी तुम

मिलकर भी ना मिल पाए हम एक दूजे से 
यादों में मुलाकात होती अब एक दूजे से

तुम गए तो जीवन वीरान सा हुआ है
बसंत की बहारे पतझड़ में बदल गई जैसे 🎀 Challenge-233 #collabwithकोराकाग़ज़

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krishvj9297

Krish Vj

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