नमस्ते हमसे आप दुनिया बेहतर हैं समझते चलते चलें बेफिक्र, पर ज़िंदगी नहीं है सस्ते हम हाथ नहीं मलते, इसे जोड़ कर हैं चलते क्योंकि मन में "राम" दिलों में आप जो बसते "शुभ प्रभात, जय श्रीराम, राधेराधे" ©अनुषी का पिटारा.. #सर्वहारा #सीख #hands