हरगिज़ ग़लत निगाह से परखा ना करो मुझे, मैं शम्मा हूं फूल समझा ना करो मुझे, तू परवाना है जला दूंगी तुझे। हरगिज़ ग़लत निगाह से परखा ना करो मुझे, मैं शम्मा हूं फूल समझा ना करो मुझे, तू परवाना है जला दूंगी तुझे। #शम्मा #परवाना #निगाह #फ़ूल #हरगिज़ #कविता #शायरी #जज़्बात #दिल