ये चंचल मन अशांत सा रहता है, विचारों के अंबार लगाए रहता है। कभी ये सूरज की रोशनी की तरह, विचारों की ज्वालामुखी लाए रहता है तो कभी इस चांद की तरह शीतल सा रहता है।। ©Jyotsana yadav #चंचल मन