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.. बरस की गिनती को रुत रोज़ पल पहर हो, तुम में उभर

.. बरस की गिनती को रुत रोज़ पल पहर हो,
तुम में उभरते हां ना में कौन सा तुम तुम हो..

.. सारी दुआए जीने की उल्फ़त में दे गया कोई,
इस जीने की गरज में बारहा जीते मरना हो.. ..🌱 खुशामदीद..💞

तस्वीर मेरे शहर बिलासपुर की, मेरी ली हुई
.. बरस की गिनती को रुत रोज़ पल पहर हो,
तुम में उभरते हां ना में कौन सा तुम तुम हो..

.. सारी दुआए जीने की उल्फ़त में दे गया कोई,
इस जीने की गरज में बारहा जीते मरना हो.. ..🌱 खुशामदीद..💞

तस्वीर मेरे शहर बिलासपुर की, मेरी ली हुई
anindyadey6947

Anindya Dey

New Creator