ओ!! मेरे सुकून कि देहली किराए की सराय न बन, तू तो दुआ है मेरी अब मेरी सिसकती हाय न बन, और तेरी साजिशें, दम तोड देंगी कि खयाली खिड़कियों से रंजिश न कर, सुन !!मेरे हाथो की लकीर यूं पैरों की बवाय न बन -✍️पंडित savya #Home किराए की सराय न बन....... #panditsavya