यूँ बैठा तन्हा रातो मे मै ख़ामोशी को अक्सर सुनता हूँ। यूँ बैठा तन्हा रातो मे मै ख़ामोशी को अक्सर सुनता हूँ। जब घटाएं काली-सी छा जाती हैं, जब ध्वनियां थम-सी जाती हैं, तब फैले-पसरे सन्नाटे में, वह ख़ामोशी आ जाती है। तब ख़ामोशी के साथ बैठकर,