मैंने तुम्हें देखा नहीं फिर भी तुम्हें ढूंढ रहा हूं आसमां के पार अपने भीतर देखो सब कैसे भाग रहे हैं उनमें मैं भी शामिल हूं अपने अपने अनुभव की किताब लिए बैठे सब प्रगाढ़ ज्ञानियों के चेहरे देख रहा हूं मशीनें पेट के भीतर घुसी पड़ी हैं... दर्द से दर्द को मात देता, मैं अभी वक्त को रौंद रहा हूं।।।।।।।।।। लोग जीतेंगे,,,,,,,, लेकिन बिना मिले, क्या फिर चला जाऊंगा????????? ये सवाल शुरू से देखा था और शायद फिर से हारना है.... शायद फिर कोई स्त्री पुरुष ऊर्जा से मुझे शरीर मांगना है😌 मुक्ति ? मोक्ष ??? ©Ram Yadav #BehtaLamha शुभ रात्रि सुविचार अनमोल विचार आज का विचार बेस्ट सुविचार आज शुभ विचार