बदलेंगे नहीं जज़्बात मेरे तारीखों की तरह बेपनाह इश्क़ करने की ख्वाहिश रहेगी उम्र भर जब मिलो किसी से तो जरा दूर का रिश्ता रखना बहुत तड़पाते हैं अक्सर सीने से लगाने वाले इश्क़ तुझसे तो ज़हर हजार गुना अच्छा है कमबख्त पीने के बाद मौत तो आ जाती है हमें तो प्यार के दो लफ्ज भी नसीब नहीं और बदनाम ऐसे हैं जैसे इश्क़ के बादशाह थे हम। ©Kausar MKA #udaasi shayari