रात गंवाई सोय के, दिवस गंवाया खाय, हीरा जनम अमोल है, कोड़ी बदली जाय...!! रात गंवाई सोय के, दिवस गंवाया खाय, हीरा जनम अमोल है, कोड़ी बदली जाय...!!