दिल में धक धक दिमाग में हलचल और आंखों में आँसू है, न जाने ये कैसे तूफान की आहट है। टूट कर में बिखर सा रहा हूं न जाने किस बात की सजा मैं भुगत रहा हूं। अब तो चाह कर भी मै उठ नही पाऊंगा न जाने अब मै कैसे जी पाऊंगा, वो जाने वाले परिंदे हो सके तो लौट के आना अपनी चहचहाहट से मुझे फिर से चहकाना। संदीप सिंह राजपूत #CalmingNature #broken_heart