वो तप में लीन ऋषि मुनियों सा मै प्रेम भाव रस पान सी वो भावनाओं से कोसो दूर मै भावनाओं की खान सी वो कठोर हृदय, कड़वी जुबान मै रस से भरी मीठे पान सी वो मंज़िल की चाहत लिए मै कोई राह अनजान सी वो खुद में ही खोया रहे मै उस बिन हवेली वीरान सी वो औरों को मुझसे ज्यादा माने उसकी छवि मेरे लिए मेरे राम सी वो सर्वश्रेष्ठ,अनमोल हीरा मै छूट पुट दो कौड़ी के दाम सी वो सुलझा हुआ रेशम का धागा मै खुद में उलझी धागे में गठान सी वो मेरे दिल का शहजादा मै उसके जीवन की गलती महान सी ishu...... #भाव#प्रेम#nojoto hindi#nojoto news