जूनून की एक कहानी सुनो आज सुनाता हूँ तुम्हें जूनून की एक कहानी, कर जोडे रघुवर सिंधु तट पर खडे, पर सागर था अभिमानी, रघुवर पुनः पुनः विनती करें पर सागर ने एक ना मानी, क्रुद्ध हो रघुवर ने जब किया बाण संधान, करबद्ध फिर सागर हुआ प्रशस्त किया फिर मार्ग, यह जुनन श्री राम का था जो सागर पर भी पुल बना डाला, धारण करो यह जुनून अपने दिल में फिर हर लक्ष्य होगा आसान।। #अंकित सारस्वत# #kalamkar #joonoon ki ek kahani