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नमस्ते दोस्तों यह कविता मैंने अपने प्रधानाचार्य कि

नमस्ते दोस्तों यह कविता मैंने अपने प्रधानाचार्य कि की लिखी थी जिनका नाम डॉक्टर विक्रम गुलाटी सर है मैंने जो उनके अंदर पाया को मैंने इस कविता में लिखा है तो कविता कुछ इस प्रकार है
सभ्यता की कहानी के किसी किरदार जैसे हैं सफलता की कहानी के किसी किरदार जाते हैं जहां कोई कार्य रुक जाए वहां पहले यह हाजिर है कि विद्यालय का कंकन भी इनकी मेहनत से वाकिफ है प्रधानाचार्य जी से भी आज ऑनलाइन स्टडी में रोनक है ना बाहों में खो देता है ना बातों से यह काफी है संकटों को भगाने में यहां जो सबसे शातिर हैं संकटों को भगाने में यहां तो सब से शातिर है ,, #StreetNight #principal sir#poem
नमस्ते दोस्तों यह कविता मैंने अपने प्रधानाचार्य कि की लिखी थी जिनका नाम डॉक्टर विक्रम गुलाटी सर है मैंने जो उनके अंदर पाया को मैंने इस कविता में लिखा है तो कविता कुछ इस प्रकार है
सभ्यता की कहानी के किसी किरदार जैसे हैं सफलता की कहानी के किसी किरदार जाते हैं जहां कोई कार्य रुक जाए वहां पहले यह हाजिर है कि विद्यालय का कंकन भी इनकी मेहनत से वाकिफ है प्रधानाचार्य जी से भी आज ऑनलाइन स्टडी में रोनक है ना बाहों में खो देता है ना बातों से यह काफी है संकटों को भगाने में यहां जो सबसे शातिर हैं संकटों को भगाने में यहां तो सब से शातिर है ,, #StreetNight #principal sir#poem