*दिनों का फासला भी कम हो गया*। *पर मां का प्यार अब बढ़ता ही जा रहा है* *कैसे कह दूं अब मां मैं तेरा नही देश का हो गया।* *आज जब खेत से आया तो खेत भी सिसक उठा* *दोस्तों की तो पूछो ही क्या साले बार बार बचपन याद दिलाकर रूला देते हैं* *बैग तैयार है, मां का प्यार भी रख लिया, शायद इतना समय कभी और ना मिले* *सैनिक*🖋️🖋️ ©Shivam raja Chauhan #netaji