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नफ़रतों का पेड़ बड़ चुका है इस क़दर बारूद उग आया है शा

नफ़रतों का पेड़ बड़ चुका है इस क़दर
बारूद उग आया है शाख़ शाख़ पर
हवाएं सहम के ख़ामोश हैं खड़ी
गुलशन की तबाही की उन्हें शायद लग चुकी ख़बर Musings - 14/2/19
नफ़रतों का पेड़ बड़ चुका है इस क़दर
बारूद उग आया है शाख़ शाख़ पर
हवाएं सहम के ख़ामोश हैं खड़ी
गुलशन की तबाही की उन्हें शायद लग चुकी ख़बर Musings - 14/2/19