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*हाँ, मैं कोहरा हूँ* मैं अक्सर कहता हूँ, मैं साधक

*हाँ, मैं कोहरा हूँ*

मैं अक्सर कहता हूँ, मैं साधक हूँ।
आज एहसास हुआ, बड़ा बाधक हूँ।

दृष्टि को तुम्हारी सीमित कर देता हूँ,
आँखों से तुम्हारे बड़े मंज़र ले लेता हूँ।

होते ही रोज सवेरा, पहरा दे देता हूँ,
शाम ढले, कोहरा गहरा कर देता हूँ।

देखो ना तुम दूर के मंज़र को,
बस इसीलिए ये पहरा देता हूँ।

जो पास है, देखो एक नज़र उसको भी तो।
और मत पूछो, अक्सर ऐसा क्यों कर देता हूँ। Unofficial collaboration with sanskriti Bharti 

#yqbaba #yqhindi #yqkohra #yqpaas #yqdoor
*हाँ, मैं कोहरा हूँ*

मैं अक्सर कहता हूँ, मैं साधक हूँ।
आज एहसास हुआ, बड़ा बाधक हूँ।

दृष्टि को तुम्हारी सीमित कर देता हूँ,
आँखों से तुम्हारे बड़े मंज़र ले लेता हूँ।

होते ही रोज सवेरा, पहरा दे देता हूँ,
शाम ढले, कोहरा गहरा कर देता हूँ।

देखो ना तुम दूर के मंज़र को,
बस इसीलिए ये पहरा देता हूँ।

जो पास है, देखो एक नज़र उसको भी तो।
और मत पूछो, अक्सर ऐसा क्यों कर देता हूँ। Unofficial collaboration with sanskriti Bharti 

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manishkumar3147

Manish Kumar

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