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प्यार की बारिश 🌷 🌧 🌷 प

प्यार की बारिश 🌷 🌧                        🌷   प्यार की बारिश    🌧 
            बारिश का मौसम था। वर्षा की दादी की आज बरसी थी। वर्षा अपनी दादी से बहुत प्यार करती थी, वह बहुत दुःखी थी। सभी मेहमानों के जाने के बाद वर्षा भी रूम आई। वह लैपटॉप में कुछ काम कर रही थी। वर्षा अपने दिल की बात अल्फाज़ों में लिख के दिल हल्का करने की कोशिश करती। जब वह लिख रही थी तभी उसके ईमेल की घंटी बजी। जब उसने ईमेल खोला तो उसमें किसी अनजान इंसान का मैसेज था जिसका नाम "एनी" लिखा था।  उसमें एक शायरी लिखी हुई थी जो बिल्कुल उसके परिस्थिति से मेल हो रही थी। उसे पढ़ के वर्षा को एक सुकून सा महसूस हुआ। वर्षा को ये जानने की इच्छा हुई की ये कौन है। 
वर्षा ने उससे पूछा, "कौन हैं आप, क्या मैं आपको जनती हूँ।" 
थोड़ी देर बाद उसे जवाब आया, "मेरा नाम एनी है मैं आपकी कविताएँ पढ़ता हूँ जो मुझे बहुत पसंद हैं, मैं बस अपनी कुछ कविताएँ आपके साथ साझा करना चाहता था इसीलिए मैंने.."
वर्षा ने जवाब दिया, " आपकी कविता के सामने मेरी कविता कुछ भी नहीं। "
            इस तरह से उनकी बहुत देर तक बातें हुईं। धीरे-धीरे उनकी बातें बढ़ने लगीं। उनके हर दिन की शुरुआत एक दूसरे के मैसेज से होने लगीं।  वर्षा को उसे देखने की इच्छा होने लगी, जो उसे इतना समझता है और हर बुरे वक्त में ख़ुशी की फुहार बनके आ जाता है। 
वर्षा ने कहा, " क्या हम कभी मिल सकते हैं मैं तुम्हें देखना चाहती हूँ। " 
एनी ने कहा, " शायद हमारा ना मिलना ही सही हो। "
प्यार की बारिश 🌷 🌧                        🌷   प्यार की बारिश    🌧 
            बारिश का मौसम था। वर्षा की दादी की आज बरसी थी। वर्षा अपनी दादी से बहुत प्यार करती थी, वह बहुत दुःखी थी। सभी मेहमानों के जाने के बाद वर्षा भी रूम आई। वह लैपटॉप में कुछ काम कर रही थी। वर्षा अपने दिल की बात अल्फाज़ों में लिख के दिल हल्का करने की कोशिश करती। जब वह लिख रही थी तभी उसके ईमेल की घंटी बजी। जब उसने ईमेल खोला तो उसमें किसी अनजान इंसान का मैसेज था जिसका नाम "एनी" लिखा था।  उसमें एक शायरी लिखी हुई थी जो बिल्कुल उसके परिस्थिति से मेल हो रही थी। उसे पढ़ के वर्षा को एक सुकून सा महसूस हुआ। वर्षा को ये जानने की इच्छा हुई की ये कौन है। 
वर्षा ने उससे पूछा, "कौन हैं आप, क्या मैं आपको जनती हूँ।" 
थोड़ी देर बाद उसे जवाब आया, "मेरा नाम एनी है मैं आपकी कविताएँ पढ़ता हूँ जो मुझे बहुत पसंद हैं, मैं बस अपनी कुछ कविताएँ आपके साथ साझा करना चाहता था इसीलिए मैंने.."
वर्षा ने जवाब दिया, " आपकी कविता के सामने मेरी कविता कुछ भी नहीं। "
            इस तरह से उनकी बहुत देर तक बातें हुईं। धीरे-धीरे उनकी बातें बढ़ने लगीं। उनके हर दिन की शुरुआत एक दूसरे के मैसेज से होने लगीं।  वर्षा को उसे देखने की इच्छा होने लगी, जो उसे इतना समझता है और हर बुरे वक्त में ख़ुशी की फुहार बनके आ जाता है। 
वर्षा ने कहा, " क्या हम कभी मिल सकते हैं मैं तुम्हें देखना चाहती हूँ। " 
एनी ने कहा, " शायद हमारा ना मिलना ही सही हो। "
nishinaik1896

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